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Shark Tank India-4: Ritesh Agrawal, Aman Gupta and Azhar Iqubal gave funding to a startup created to help others after battling lupus and cancer

Shark Tank India-4: लूपस, कैंसर से जूझकर बनाया दूसरों की मदद करने वाला स्टार्टअप , Ritesh Agrawal, Aman Gupta और Azhar Iqubal ने दिया फंड

Shark Tank India-4 में एक स्टार्टअप ने मानसिक तनाव कम करने वाला डिवाइस पेश किया। डॉक्टर सिद्धांत, शालमली काडु और मितांश खुराना द्वारा शुरू किया गया यह डिवाइस वेगा नर्व पर काम करता है और तनाव से राहत दिलाता है। डॉ. सिद्धांत ने लूपस और थायरॉयड कैंसर से जूझते हुए यह स्टार्टअप बनाया। डिवाइस की कीमत 5000 रुपये है और इसे शार्क टैंक में 4.2% इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली।

मानसिक तनाव को कम करने वाला स्टार्टअप

शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक अनोखा स्टार्टअप आया, जो मानसिक तनाव को कम करने वाला डिवाइस लेकर आया है। इस स्टार्टअप की शुरुआत डॉक्टर सिद्धांत, शालमली काडु और मितांश खुराना ने की है। आज के समय में मानसिक तनाव एक वैश्विक समस्या बन चुका है। लोग थकान, तनाव और खराब नींद से परेशान हैं। भारत, खराब नींद के मामलों में दूसरे नंबर पर है।

तनाव को कम करने वाला डिवाइस

यह डिवाइस कान के पीछे लगाया जाता है और इसे ऐप से नियंत्रित किया जा सकता है। यह डिवाइस जेंटल इलेक्ट्रिकल स्टीमुलेशन के जरिए वेगा नर्व पर काम करता है, जिससे आराम महसूस होता है। इस डिवाइस को साइकाइट्रिस्ट, साइकोलॉजिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा परीक्षण किया गया है और यह लॉन्च के लिए तैयार है।

डॉ. सिद्धांत की प्रेरणादायक कहानी

डॉ. सिद्धांत ने एमबीबीएस के बाद फूड दर्जी नामक स्टार्टअप शुरू किया। उनके पिता और दादा डॉक्टर थे, लेकिन वह खुद डॉक्टर नहीं बन सके क्योंकि 20 साल की उम्र में उन्हें लूपस हो गया। लूपस की वजह से उनके सारे बाल झ‍ड़ गए और उनका चेहरा एलियन जैसा दिखने लगा। बच्चों ने उन्हें देखकर अपने माता-पिता से पूछा कि वह कौन नहीं, बल्कि क्या हैं।

कैंसर से जूझ रहे हैं

लूपस की वजह से सिद्धांत को भारी दवाएं लेनी पड़ीं, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया। कहीं भी बैठने में डर लगता था कि वह दूसरों की बीमारी न पकड़ लें। बाद में, उन्हें स्टेज 2 थायरॉयड कैंसर हुआ। आज भी वह इससे लड़ रहे हैं।

फाउंडर्स की मुलाकात

सिद्धांत की मुलाकात शालमली से एक इवेंट के दौरान हुई। शालमली ने इंजीनियरिंग की है और टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रही हैं। शालमली की मितांश से मुलाकात एक हैकेथॉन में हुई। मितांश खुराना मैथमेटिक्स और कम्प्यूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

डिवाइस के इस्तेमाल के तरीके

इस डिवाइस को रोजाना 10 मिनट के लिए 2-4 बार इस्तेमाल करना होता है। एक हफ्ते के इस्तेमाल के बाद लोग अच्छा महसूस करने लगते हैं। यह पूरी तरह सुरक्षित है और 110 लोगों पर इसकी प्री-क्लिनिकल स्टडी की गई है।

डिवाइस की कीमत

इस डिवाइस की कीमत 5000 रुपये रखी गई है। इसमें एक डिवाइस, उसका चार्जर और 12 पैच शामिल हैं। अतिरिक्त पैच 500 रुपये में मिलेंगे। फाउंडर्स ने बताया कि अभी इस डिवाइस को बनाने में 1200 रुपये की लागत आती है।

फंडिंग और सेलेब्रिटी इन्वेस्टर्स

फाउंडर्स ने 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 54 लाख रुपये की फंडिंग मांगी। इससे पहले उन्होंने 2 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस स्टार्टअप में अर्जुन वैद्य, आलिया भट्ट और फिनफ्लुएंसर शरन हेगड़े भी निवेश कर रहे हैं।

शार्क टैंक में डील फाइनल

Shark Tank India-4 में रितेश अग्रवाल और अजहर इकबाल ने 1.5 फीसदी के बदले 54 लाख रुपये देने का ऑफर दिया। अमन ने 2.5 फीसदी के बदले 54 लाख रुपये देने का प्रस्ताव रखा। अंत में अमन, रितेश और अजहर ने 4.2 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये में डील फाइनल की।

निष्कर्ष

डॉ. सिद्धांत, शालमली और मितांश के इस स्टार्टअप ने साबित कर दिया है कि मुश्किलों के बावजूद भी अगर इरादा मजबूत हो तो बड़ी से बड़ी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनका यह डिवाइस मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

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