अन्नू ग्रोवर ने 2010 में Nurturing Green की शुरुआत की, जो प्लांट गिफ्टिंग और होम डेकोर में काम करता है। विदेश में पढ़ाई के दौरान अपनी मां को बुके भेजने के बाद पौधों का बिजनेस शुरू करने का विचार आया। लखनऊ के अन्नू ने 40 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन के साथ Shark Tank India में 1 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की। कंपनी अपने प्लांट्स की क्वालिटी के लिए जानी जाती है और ग्राहकों को लाइफटाइम वारंटी देती है।
Nurturing Green और Kyari की अनोखी कहानी
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) के 9वें एपिसोड ने दर्शकों को एक नई और अनोखी कहानी से रूबरू कराया। इस एपिसोड में पहली बार एक ही तरह का बिजनेस करने वाले दो स्टार्टअप्स, Nurturing Green और Kyari, ने अपने बिजनेस पिच के लिए मंच साझा किया। शो के फॉर्मेट में बदलाव करते हुए दोनों स्टार्टअप्स को एक के बाद एक पिच करने का मौका दिया गया। पहले पिच करने का अवसर Nurturing Green को मिला, जो अपने अनोखे बिजनेस मॉडल और सफलता की कहानी के साथ आए।
Nurturing Green की शुरुआत और प्रेरणा
Nurturing Green की शुरुआत लखनऊ के अन्नू ग्रोवर ने की थी। उनकी प्रेरणा एक व्यक्तिगत घटना से आई थी। जब वह विदेश में पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने अपनी मां को एक बुके भेजा था। लेकिन, जब उन्होंने अगली बार अपनी मां से बात की, तो उन्हें पता चला कि बुके को फेंक दिया गया था। इस अनुभव ने अन्नू को विचार दिया कि बुके के बजाय पौधे गिफ्ट किए जाएं, ताकि उन्हें फेंकने की आवश्यकता न हो। इस सोच के साथ अन्नू ने 2010 में भारत वापस आकर अपने प्लांट गिफ्टिंग बिजनेस की शुरुआत की।
प्लांट गिफ्टिंग से लेकर होम डेकोर तक का सफर
शुरुआत में Nurturing Green ने प्लांट गिफ्टिंग पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन जल्द ही उन्होंने होम डेकोर और होम गार्डनिंग में भी कदम रखा। अन्नू ने बताया कि प्लांट्स का मार्केट करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का है। उनका यह बिजनेस न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेजी से बढ़ रहा है।
फाउंडर की पृष्ठभूमि
अन्नू ग्रोवर लखनऊ में पैदा हुए और वहीं से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के विमटेक से एमबीए किया और फिर ऑस्ट्रिया जाकर ग्लोबल बिजनेस प्रोग्राम का हिस्सा बने। हालांकि, महज दो महीने ऑस्ट्रिया में नौकरी करने के बाद ही अन्नू ने भारत लौटकर अपना बिजनेस शुरू किया। शुरुआत में उनका यह निर्णय उनके परिवार को पसंद नहीं आया। उनके पिता कई महीनों तक उनसे नाराज रहे। लेकिन अन्नू की मेहनत और सफलता ने अंततः सबको गर्व से भर दिया।
लाइफटाइम वारंटी और क्वालिटी एश्योरेंस
Nurturing Green की सबसे बड़ी खासियत उनकी प्लांट्स की क्वालिटी है। उनके सभी प्लांट्स टिश्यू कल्चर लैब में तैयार होते हैं और 70 एकड़ में फैले कंट्रोल पॉलीहाउस में चार शहरों में ग्रो किए जाते हैं। क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने आठ चरणों का प्रोसेस अपनाया है। इसके अलावा, वे अपने ग्राहकों को लाइफटाइम वारंटी भी देते हैं, जिसके तहत यदि किसी का पौधा मर जाता है, तो वह 50% डिस्काउंट पर नया पौधा ले सकते हैं।
व्यापार की बढ़ती ऊंचाईयां
2024-25 में, Nurturing Green ने अक्टूबर तक 17 करोड़ रुपये की सेल की है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 28 करोड़ रुपये की सेल का लक्ष्य रखा है। पिछले कुछ वर्षों में कंपनी की ग्रोथ उल्लेखनीय रही है। 2019 में कंपनी की सेल्स 6 करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 13.8 करोड़ रुपये हो गई। अन्नू का लक्ष्य है कि 2026 तक यह बिजनेस 100 करोड़ रुपये का हो जाए। कंपनी के प्रोडक्ट्स की कीमत 99 रुपये से 4999 रुपये तक है।
फंडिंग और निवेशकों की भूमिका
Nurturing Green ने 2019 में पेटीएम के विजय शेखर शर्मा से 37.5 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर 50 लाख रुपये की फंडिंग प्राप्त की थी। इसके अलावा, कंपनी ने अपने परिवार से भी फंडिंग प्राप्त की। वर्तमान में, कंपनी में अन्नू की 68% हिस्सेदारी है, जबकि 8% परिवार और 22% अन्य निवेशकों के पास है। विजय शेखर शर्मा के पास कंपनी में 2% हिस्सेदारी है। अन्नू की पत्नी, जो उनकी पहली एंजेल इन्वेस्टर थीं, अब कंपनी में चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (सीएचआरओ) हैं।
शार्क टैंक में फंडिंग की डील
शार्क टैंक इंडिया में, अन्नू ने अपने स्टार्टअप की 1% इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की मांग की। अंततः, उन्हें विनीता सिंह से 1.25% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये और 10% की ब्याज दर पर 3 साल के लिए 50 लाख रुपये का लोन मिला। इस तरह, कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपये की फंडिंग प्राप्त हुई। विनीता सिंह ने इस कंपनी की वैल्युएशन 40 करोड़ रुपये लगाई।
Kyari की पिच
Nurturing Green के बाद Kyari ने अपनी पिच प्रस्तुत की। यह स्टार्टअप भी पौधों के गिफ्टिंग और होम डेकोर में विशेषीकृत है। दोनों स्टार्टअप्स के बीच की प्रतियोगिता दर्शकों के लिए दिलचस्प थी, क्योंकि दोनों ने अपने-अपने बिजनेस मॉडल और सफलता की कहानी साझा की। हालांकि, Nurturing Green के पास एक मजबूत ब्रांड प्रतिष्ठा और विस्तारित मार्केट उपस्थिति थी, जिसने उन्हें अधिक फंडिंग प्राप्त करने में मदद की।
भविष्य की योजनाएं
Nurturing Green का लक्ष्य आने वाले वर्षों में अपने बिजनेस को और अधिक विस्तार देना है। अन्नू का विजन है कि वे अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अधिक पहुंचाएं और अधिकतम ग्राहकों तक अपनी सेवाएं पहुंचाएं। उनका उद्देश्य है कि वे 2026 तक 100 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करें।
निष्कर्ष
Nurturing Green की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है जो बताती है कि कैसे एक अनोखे विचार और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी बिजनेस को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। अन्नू ग्रोवर की मेहनत और दूरदर्शिता ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि उन्होंने एक नया बिजनेस मॉडल भी स्थापित किया है जो पर्यावरण की देखभाल और ग्राहकों को अद्वितीय उत्पाद प्रदान करता है।