शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में राधिका राजपाल ने “Patch up” नामक स्टार्टअप पेश किया, जो विटामिन सप्लीमेंट्स के लिए अनोखे पैच बनाता है। ये पैच एडिटिव-फ्री होते हैं और शरीर पर स्टिकर की तरह लगाए जाते हैं। कंपनी मई 2024 में शुरू हुई और बूटस्ट्रैप्ड व प्रॉफिटेबल है। 50 लाख रुपये की फंडिंग के लिए 1.75% इक्विटी की पेशकश की गई। अनुपम मित्तल ने 2.27% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की डील फाइनल की।
नई खोज: विटामिन पैच
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक अनोखा स्टार्टअप पेश किया गया, जो विटामिन पैच बेचता है। इन पैच को शरीर पर स्टिकर की तरह चिपकाने से विटामिन की कमी पूरी हो जाती है। इस खोज ने लोगों को बिना विटामिन की गोलियां खाए शरीर में पोषण प्राप्त करने का एक नया तरीका दिया है। इस स्टार्टअप की संस्थापक हैं दिल्ली की राधिका राजपाल, जिन्होंने मई 2024 में इसकी शुरुआत की।
कैसे आया यह विचार?
राधिका राजपाल यूरोप में जॉब कर रही थीं और जब भारत लौटीं तो उन्होंने देखा कि यहां के सप्लिमेंट्स में कई एडिटिव्स होते हैं, जो यूरोप में बैन हैं। राधिका रनिंग के लिए विटामिन सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन भारत में इन उत्पादों की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने तय किया कि वे ऐसा उत्पाद बनाएंगी, जो बिना एडिटिव्स के हो।
एडिटिव्स से छुटकारा: विटामिन Patch up की शुरुआत
राधिका ने पाया कि विटामिन के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए एडिटिव्स जरूरी होते हैं। उन्होंने इसके विकल्प के रूप में विटामिन पैच तैयार किया। इन पैच को त्वचा पर चिपकाने से विटामिन शरीर में अवशोषित हो जाता है। इसमें टेस्टिंग की कोई जरूरत नहीं होती, जिससे एडिटिव्स की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। राधिका ने इन पैच को एफडीए और सीई अप्रूव्ड फैसिलिटी में बनवाया।
डिजाइन और शुरुआती निवेश
Patch up के डिजाइन का पूरा काम राधिका ने खुद किया। इस स्टार्टअप को शुरू करने के लिए उन्होंने अपने 15 लाख रुपये का निवेश किया। यह स्टार्टअप पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड और प्रॉफिटेबल है।
बिक्री और राजस्व
मई 2024 में सॉफ्ट लॉन्चिंग के बाद, जुलाई में हार्ड लॉन्चिंग की गई। शुरुआती महीनों में ही स्टार्टअप ने 5 लाख रुपये की बिक्री की, जिससे 50,000 रुपये का मुनाफा हुआ। सितंबर 2024 तक कंपनी की बिक्री 12.5 लाख रुपये तक पहुंच गई। कंपनी का लक्ष्य मार्च 2025 तक 1.5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल करना है।
शार्क्स की प्रतिक्रिया
जजों ने उत्पाद की गुणवत्ता और डिजाइन की तारीफ की, लेकिन कुछ सवाल भी उठाए। नमिता थापर ने बताया कि भारत की जलवायु में यह उत्पाद टिकाऊ नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी नोट किया कि पैकेजिंग पर ‘ट्रायल पर आधारित’ लिखा था, जबकि अभी तक क्लीनिकल ट्रायल नहीं हुए थे। राधिका ने सफाई दी कि यह मैन्युफैक्चरिंग ट्रायल के आधार पर लिखा गया था।
निवेश के प्रस्ताव
राधिका ने 1.75% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की मांग की। नमिता और अमन इस डील से बाहर हो गए। रितेश ने 5% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये का ऑफर दिया, जबकि अनुपम मित्तल ने शुरुआत में 5% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये का ऑफर दिया। बाद में उन्होंने इसे 2.27% इक्विटी तक घटा दिया। पीयूष ने भी 2.27% इक्विटी के लिए समान प्रस्ताव दिया।
अंतिम डील
अनुपम मित्तल ने 2.27% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग दी। राधिका ने अनुपम का ऑफर स्वीकार किया।
राधिका का भविष्य का विज़न
राधिका ने अपने उत्पाद को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए बड़े स्तर पर काम करने का प्लान बनाया है। उनका लक्ष्य है कि भारतीय बाजार में विटामिन पैच को एक घरेलू नाम बनाया जाए। कंपनी आने वाले समय में इंटरनेशनल मार्केट में भी अपने उत्पाद लॉन्च करने की योजना बना रही है।
विटामिन Patch up के लाभ
- एडिटिव्स रहित: कोई एडिटिव नहीं होने से यह स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है।
- आरामदायक उपयोग: सिर्फ चिपकाने की जरूरत है, जिससे इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
- पोर्टेबल: इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
कंपनी के शुरुआती उपभोक्ताओं ने इसके सकारात्मक परिणामों की प्रशंसा की है। विशेष रूप से, इसे उपयोग में आसान और प्रभावी माना जा रहा है।
निष्कर्ष
विटामिन पैच एक क्रांतिकारी उत्पाद है, जिसने भारतीय हेल्थकेयर मार्केट में नई दिशा दी है। अनुपम मित्तल जैसे अनुभवी निवेशक की मदद से, यह स्टार्टअप भविष्य में और भी तेजी से आगे बढ़ सकता है। राधिका राजपाल की यह यात्रा प्रेरणादायक है, जो बताती है कि कैसे एक विचार को मेहनत और लगन से साकार किया जा सकता है।