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E16 Shark Tank India-4 Aseem Shakti: Saree which can be worn in 15 seconds, which has pocket, Anupam gave ₹ 50 lakh funding

E16 Shark Tank India-4 Aseem Shakti: 15 सेकंड में पहनने वाली साड़ी, जिसमें है जेब, अनुपम ने दी ₹50 लाख की फंडिंग

शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक ऐसा स्टार्टअप आया, जिसने साड़ी पहनने का तरीका ही बदल दिया। इस स्टार्टअप ने एक ऐसी साड़ी पेश की है, जिसे महज 15 सेकंड में पहना जा सकता है और उसमें जेब भी लगी हुई है। यह अनोखी साड़ी महिलाओं के लिए एक बड़ी सहूलत बन गई है। इस साड़ी का नाम “रेडी टू वियर साड़ी” रखा गया है, जिसे पहनने के बाद महिलाएं न केवल आरामदायक महसूस करती हैं, बल्कि अपने जरूरी सामान भी आसानी से रख सकती हैं।

साड़ी का पहनना बना आसान

हम सभी जानते हैं कि साड़ी पहनना महिलाओं के लिए कितना मुश्किल हो सकता है। खासकर जब वे अकेले साड़ी पहनने की कोशिश करती हैं, तो उन्हें इसे सही से पहनने में काफी समय और मेहनत लगती है। कई बार साड़ी पहनने के दौरान ये डर भी रहता है कि कहीं साड़ी खुल न जाए या गिर न जाए। लेकिन अब स्वाति नामक एक महिला उद्यमी ने इस समस्या का हल ढूंढ लिया है। स्वाति ने “असीम शक्ति” नामक स्टार्टअप शुरू किया और 15 सेकंड में पहनने वाली साड़ी बनाई, जो आज महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हो रही है।

स्वाति का संघर्ष और सफलता की शुरुआत

स्वाति ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षिका के रूप में की थी। वह गरीब और पिछड़े इलाकों के बच्चों को इंग्लिश सिखाने का काम करती थीं। इसके बाद, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और दिल्ली में कुछ समय तक रही। इस दौरान उन्हें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के बारे में जानकारी मिली और यह समझ में आया कि सरकार इनकी मदद कैसे करती है।

स्वाति को अपने आस-पास की महिलाएं परेशान दिखती थीं, जो विभिन्न जोखिम भरे कामों में लगी थीं, जैसे ह्यूमन ट्रायल्स और रिस्की पैच टेस्ट, जिससे उन्हें पैसे मिलते थे। स्वाति ने सोचा कि इन महिलाओं की जिंदगी को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। उन्हें यह अहसास हुआ कि महिलाएं सिलाई और खाना बनाने में माहिर हैं, लेकिन उनके पास बेहतर अवसर नहीं थे। इसी विचार के साथ स्वाति ने फैशन इंडस्ट्री में कुछ करने का फैसला किया।

“Aseem Shakti” की शुरुआत

स्वाति ने 18 जनवरी 2018 में “असीम शक्ति” नामक कंपनी की शुरुआत की। उनकी पहली योजना थी रेडी टू वियर साड़ी बनाना। उन्होंने देखा कि लोग साड़ी में जेब की कमी महसूस करते हैं, जबकि कुर्ते और शर्ट में यह सुविधा होती है। इस आइडिया को ध्यान में रखते हुए स्वाति ने साड़ी में जेब डाली और यह साड़ी महिलाओं के लिए एक बड़ी सहूलत बन गई।

स्वाति ने अपने स्टार्टअप के तहत महिलाओं को रोजगार देना शुरू किया। उनकी टीम में लगभग 8 महिलाएं शामिल थीं, जो साड़ी बनाने और कैटवॉक करने का काम करती थीं। ये महिलाएं अब 24,000 रुपये से लेकर 44,000 रुपये तक की सैलरी कमा रही हैं, जिससे उनकी जिंदगी में बदलाव आया है।

साड़ी में जेब का आइडिया

स्वाति ने सबसे पहले 2018 में एक सर्वे किया था और पाया कि लोग रेडी टू वियर साड़ी की डिमांड कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने साड़ी में जेब डालने का आइडिया लागू किया। इस साड़ी में महिलाएं अपने जरूरी सामान जैसे फोन, वॉलेट, लिपस्टिक, नोटपैड, काजल और यहां तक कि गुलाब का फूल भी रख सकती हैं। यह सब देख कर शार्क टैंक के जज भी हैरान रह गए।

स्वाति का यह विचार एक वायरल वीडियो के बाद मशहूर हुआ, जिसमें वह इस साड़ी को पहनते हुए अपने जेब से सामान निकालती हैं। इस वीडियो के बाद उनकी कंपनी की बिक्री तेजी से बढ़ने लगी।

महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर

स्वाति का उद्देश्य सिर्फ साड़ी का व्यवसाय चलाना नहीं था, बल्कि उन्होंने इस स्टार्टअप के जरिए कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। इन महिलाओं को साड़ी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और अब वे अच्छी आमदनी कमा रही हैं। स्वाति की पहल ने बहुत सारी महिलाओं की जिंदगी बदल दी है और वे अब खुद को आर्थिक रूप से मजबूत महसूस करती हैं।

कंपनी का वित्तीय विकास

Aseem Shakti के उत्पाद की सफलता के बाद, कंपनी ने तेजी से वृद्धि की। 2021 में रेडी टू वियर साड़ी का वीडियो वायरल हुआ और कंपनी की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई। 2021 से लेकर अब तक कंपनी ने अपनी बिक्री में कई गुना वृद्धि की है। 2024 के पहले छह महीने में कंपनी ने 1.3 करोड़ रुपये की सेल की है, जबकि पिछले साल कंपनी की कुल बिक्री 65 लाख रुपये थी।

कंपनी के उत्पादों की कीमत 3100 रुपये से लेकर 6000 रुपये तक है, और यह मुख्य रूप से अपनी वेबसाइट, इंस्टाग्राम और मिंत्रा जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।

शार्क टैंक इंडिया में फंडिंग

जब स्वाति ने शार्क टैंक इंडिया में अपनी साड़ी पेश की, तो उन्होंने अपने स्टार्टअप की 2.5% इक्विटी के बदले ₹50 लाख की फंडिंग मांगी। इस डील के लिए पीयूष, नमिता, विनीता और कुणाल ने ऑफर से बाहर रहने का निर्णय लिया, लेकिन अनुपम ने चैरिटी वाली आर्म के तहत 10% इक्विटी के बदले ₹50 लाख की फंडिंग दी।

अनुपम ने न केवल स्वाति को फंडिंग दी, बल्कि साड़ी भी पहनी और उसी साड़ी में चेक भी दिया। यह एक ऐतिहासिक मोमेंट था और इसने शार्क टैंक इंडिया के मंच पर एक नई मिसाल पेश की।

भविष्य की दिशा

असीम शक्ति के लिए आगे का रास्ता बहुत ही उज्जवल है। कंपनी ने महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं और अपने उत्पादों की गुणवत्ता में लगातार सुधार कर रही है। स्वाति की योजना है कि वे अपनी साड़ी को और ज्यादा डिजाइनों में उपलब्ध कराएं और इसे और बड़े स्तर पर बेचना शुरू करें।

इसके अलावा, कंपनी ने अब मिंत्रा और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ली है और भविष्य में इसके विस्तार की संभावना है। महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में स्वाति का यह प्रयास एक प्रेरणा का स्रोत है।

इस स्टार्टअप की सफलता यह दर्शाती है कि किसी भी समस्या का समाधान नए और अभिनव तरीके से किया जा सकता है। स्वाति के प्रयासों ने न केवल महिलाओं को बेहतर जिंदगी जीने का अवसर दिया, बल्कि भारतीय फैशन उद्योग में एक नया कदम रखा है।

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