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E17. Shark Tank India-4 RBD: Startup helping farmers, debate over tax, still got ₹1 crore funding

E17. Shark Tank India-4 RBD: किसानों की मदद करने वाला स्टार्टअप, टैक्स को लेकर हुई बहस, फिर भी मिली ₹1 करोड़ की फंडिंग

E17. Shark Tank India-4 RBD: भारत में कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकों और मशीनों की जरूरत हमेशा बनी रहती है। किसानों की मेहनत को आसान बनाने के लिए सरकार से लेकर कई स्टार्टअप भी काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक स्टार्टअप शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में नजर आया, जिसने जजों को काफी प्रभावित किया।

किसानों के लिए मशीन बनाने वाला स्टार्टअप RBD

इस स्टार्टअप का नाम है आरबीडी (RBD), जिसकी शुरुआत जयपुर के भूपेंद्र कुमार टेलर और देवेंद्र कुमार टेलर ने दिसंबर 2020 में की थी। यह स्टार्टअप किसानों के लिए ऐसी मशीनें बनाता है, जिससे उनकी मेहनत और लागत कम होती है और उत्पादन बढ़ता है।

कंपनी का नाम आरबीडी इनके दादाजी राम बिलास दर्जी के नाम पर रखा गया है। भूपेंद्र और देवेंद्र का यह स्टार्टअप पावर रीपर, चाफ कटर और ब्रश कटर जैसी मशीनें बनाता है, जो किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही हैं।

स्टार्टअप शुरू करने का सफर

भूपेंद्र और देवेंद्र दोनों का बैकग्राउंड टेक्नोलॉजी या बिजनेस से नहीं था। भूपेंद्र ने होटल इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर सेक्टर में सेल्स का काम किया, लेकिन जब कोविड-19 आया, तो उनकी सैलरी कटने लगी और इनक्रिमेंट भी कई सालों से रुका हुआ था। यह सब देखकर उन्होंने दिसंबर 2020 में नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया।

भूपेंद्र ने अपने परिवार से कहा कि वे 6 महीने तक कोई कमाई नहीं कर पाएंगे, लेकिन वे कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। उनके माता-पिता ने उनका हौसला बढ़ाया और कहा, “कुछ अच्छा करो।”

उसी दौरान देवेंद्र स्वीमिंग पूल बनाने का काम करते थे, लेकिन उन्होंने भी बिजनेस में हाथ आजमाने का फैसला किया और दोनों भाइयों ने मिलकर आरबीडी (RBD) की शुरुआत की।

कैसे करता है काम RBD?

RBD स्टार्टअप खुद से कोई प्रोडक्ट नहीं बनाता बल्कि कुछ मशीनों को इम्पोर्ट करता है और कुछ को असेंबल करता है। इस कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स में कुछ खास इनोवेशन किए हैं, जैसे कि पावर रीपर में बैठने के लिए सीट जोड़ दी, जिससे किसान घंटों तक काम कर सकते हैं।

तेजी से बढ़ रहा है बिजनेस

आज RBD के पास 32 लोगों की टीम है और पूरे देश में इसकी मशीनें बेची जाती हैं। इस स्टार्टअप के 5 वेयरहाउस हैं और यह पूरा बिजनेस डी2सी (डायरेक्ट टू कस्टमर) मॉडल पर चलता है।

इस स्टार्टअप की खास बात यह है कि यह पूरी तरह ऑनलाइन काम करता है और सोशल मीडिया मार्केटिंग पर बहुत ज्यादा फोकस करता है।

सोशल मीडिया पर जबरदस्त पकड़

आज के जमाने में डिजिटल मार्केटिंग किसी भी बिजनेस की सफलता में अहम भूमिका निभाती है। RBD स्टार्टअप के यूट्यूब पर 1.6 लाख सब्सक्राइबर्स हैं और उनके एक वीडियो पर 5 मिलियन से ज्यादा व्यूज आए हैं।

कंपनी ने सोशल मीडिया का पूरा फायदा उठाया और अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस देकर उनकी पॉजिटिव वर्ड ऑफ माउथ (Word of Mouth) से बिजनेस बढ़ाया।

कितनी है कंपनी की कमाई?

  • 2023-24 में कंपनी ने 14.37 करोड़ रुपये की सेल्स की।
  • 2024-25 की पहली छमाही (सितंबर तक) में 9.34 करोड़ रुपये की सेल हो चुकी है।
  • इस साल कंपनी को 22-25 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद है।

शार्क टैंक इंडिया में आया टैक्स का मुद्दा

जब स्टार्टअप के फाउंडर्स ने शार्क टैंक इंडिया में अपने बिजनेस का प्रेजेंटेशन दिया, तो सभी जज उनके बिजनेस मॉडल से प्रभावित हुए। लेकिन तभी एक चौंकाने वाली बात सामने आई – फाउंडर्स ने बताया कि वे सारा प्रॉफिट नहीं दिखाते हैं और पूरा टैक्स नहीं भरते।

यह सुनकर सभी शार्क जज नाराज हो गए।

  • अनुपम मित्तल ने कहा – “आपने शानदार बिजनेस बनाया है, दिल से सलाम बॉस!” और इसके बाद वे डील से बाहर हो गए।
  • कुणाल शाह ने भी टैक्स इश्यू की वजह से डील से बाहर होने का फैसला लिया, लेकिन जाते-जाते कहा – “जब सब ठीक हो जाए तो हम फिर मिलेंगे।”
  • अमन गुप्ता ने भी टैक्स की समस्या को देखते हुए डील से बाहर होने का निर्णय लिया।

मिली ₹1 करोड़ की फंडिंग

फाउंडर्स ने 1 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मांगी थी।

आखिरकार नमिता थापर और रितेश अग्रवाल ने इस स्टार्टअप में निवेश करने का फैसला किया।

उन्होंने 1% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये इन्वेस्ट किए और साथ में 5 साल के लिए 9% ब्याज पर 50 लाख रुपये का लोन दिया।

फाउंडर्स ने इस डील को स्वीकार कर लिया और इस तरह RBD स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मिल गई।

क्या है RBD का भविष्य?

अब जब कंपनी को शार्क टैंक इंडिया में फंडिंग मिल चुकी है, तो आने वाले समय में यह और तेजी से ग्रो करेगी।

भविष्य की योजनाएं:

  1. टैक्स की समस्या को पूरी तरह से हल करना।
  2. अपने बिजनेस मॉडल को और पारदर्शी बनाना।
  3. नए इनोवेटिव प्रोडक्ट्स लाना।
  4. सोशल मीडिया मार्केटिंग को और मजबूत करना।
  5. अधिक किसानों तक पहुंच बनाना।

निष्कर्ष

RBD स्टार्टअप ने साबित किया कि अगर सही रणनीति और कड़ी मेहनत हो, तो बिजनेस को बड़ी ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।

शुरुआत में फाउंडर्स को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वे किसानों की जिंदगी आसान बना रहे हैं।

हालांकि, टैक्स को लेकर आई समस्या एक बड़ी सीख है – कोई भी बिजनेस बड़ा बनाना हो, तो उसे पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से चलाना चाहिए।

अब देखना यह होगा कि शार्क टैंक इंडिया में मिली फंडिंग के बाद RBD कितना आगे बढ़ता है और भारतीय किसानों के लिए कितनी नई तकनीकें लेकर आता है।

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