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Shark Tank India-4 Ashva: Startup solving knee problems, Vinita gave ₹50 lakh funding

Shark Tank India-4 Ashva: घुटने की समस्या को हल करने वाला स्टार्टअप, विनीता ने दी ₹50 लाख की फंडिंग

शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक अनोखा स्टार्टअप प्रस्तुत हुआ, जिसने शार्क्स का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस स्टार्टअप के संस्थापक ने मंच पर आते ही कहा, “इंडिया के घुटने हिल रहे हैं,” और यह कहावत सच साबित हुई जब विनीता सिंह ने 50 लाख रुपये की फंडिंग देने का प्रस्ताव रखा। इस स्टार्टअप का नाम ‘Ashva’ है, और इसका उद्देश्य घुटने के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का समाधान प्रदान करना है।

घुटनों की समस्या और समाधान का आरंभ

हमारे देश में घुटनों की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। शारीरिक गतिविधियों की कमी, अत्यधिक वजन, और गलत जीवनशैली के कारण लोग घुटने की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके अलावा, चोट लगने के कारण भी घुटने की सर्जरी की आवश्यकता बढ़ रही है। हर साल करीब 6 करोड़ लोग ऑस्टियोऑर्थराइटिस से प्रभावित होते हैं और लाखों लोग घुटनों की सर्जरी कराते हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद की रहने वाली अनमोल अजय सक्सेना ने ‘Ashva’ नामक स्टार्टअप की शुरुआत की।

‘Ashva’ का प्रमुख उत्पाद है ‘Fitknees’, एक AI-आधारित वियरेबल डिवाइस जो घुटनों की हेल्थ का विश्लेषण करता है। यह डिवाइस घुटने की समस्याओं का शुरुआती पता लगाने में मदद करता है, जिससे इलाज जल्दी और सही तरीके से किया जा सकता है।

फिटनीज: घुटनों की स्थिति का विश्लेषण

‘Fitknees’ एक एआई वियरेबल डिवाइस है, जो एक छोटे उपकरण के रूप में आता है और इसे उपयोगकर्ता के घुटने पर पहना जाता है। यह डिवाइस 10 मिनट के अंदर घुटने की स्थिति का पता लगाकर यूज़र को परिणाम बताता है। यह घुटने की स्थितियों को ट्रैक करने में मदद करता है, ताकि समय रहते उपचार लिया जा सके। फिटनीज डिवाइस में चार मोशन सेंसर और एक चार्जिंग डॉक शामिल है। इसके अलावा, एक टैबलेट भी दिया जाता है, जिससे डिवाइस की गतिविधियों का ट्रैक रखा जा सकता है।

अनमोल सक्सेना का संघर्ष और सफलता

अनमोल अजय सक्सेना का यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान महसूस किया कि वह बहुत ज्यादा दौड़-भाग कर रही थीं, जिसके कारण उनकी पीठ और घुटनों में गंभीर समस्या आ गई थी। वहीं, उनकी मां भी घुटने की समस्याओं से जूझ रही थीं और वह फिजियोथेरेपी करवा रही थीं। इस समस्या ने अनमोल को प्रेरित किया और उन्होंने इस मुद्दे का समाधान खोजने का निर्णय लिया।

उन्होंने कॉलेज के एक हैकेथॉन में इस विचार को प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने एक ऐसा डिवाइस बनाने का ख्याल रखा, जो घुटने के स्वास्थ्य की स्थिति का सही समय पर पता लगा सके। इसके बाद, अनमोल ने अपने विचार को वास्तविकता में बदलने के लिए करीब 30 से ज्यादा लाइव सर्जरी देखीं, ताकि वह समझ सकें कि घुटने के इलाज के दौरान किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Ashva व्यवसाय की शुरुआत

अपनी नौकरी के दौरान, अनमोल ने करीब 75 फिजियोथेरेपिस्ट और ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों से मुलाकात की और उनके विचार सुने। उन्होंने यह भी जाना कि ऐसी डिवाइस की कितनी आवश्यकता है और इसकी कीमत क्या हो सकती है। इन विचारों और अनुभवों के बाद, अनमोल ने Ashva स्टार्टअप की शुरुआत की।

इसके बाद उन्होंने अपने उत्पाद को इन-हाउस डिजाइन किया और इसे अस्पतालों में बेचना शुरू किया। Ashva ने अपने पहले उत्पाद ‘Fitmust’ को भी लॉन्च किया था, जो ‘Fitknees’ के साथ बिकता है।

कंपनी का वित्तीय विकास

Ashva ने अपने पहले साल में थोड़ी कठिनाइयों का सामना किया। साल 2021-22 में कंपनी ने 5.5 लाख रुपये की सेल की, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 15.5 लाख रुपये हो गया। हालांकि, जनवरी 2024 में ‘Fitknees’ को लॉन्च करने के बाद कंपनी को 50 लाख रुपये की सेल का आंकड़ा मिला, लेकिन फिर भी 77 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इस साल सितंबर तक, कंपनी ने 45 लाख रुपये की सेल की और नुकसान कम करके 8 लाख रुपये तक पहुंच गया। कंपनी का लक्ष्य है कि इस साल की कुल सेल 74 लाख रुपये तक हो।

शार्क टैंक इंडिया में फंडिंग डील

जब अनमोल सक्सेना ने शार्क टैंक इंडिया में अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग मांगी, तो वह 1.25% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग मांग रही थीं। यह डील शार्क्स के लिए एक चुनौतीपूर्ण और आकर्षक प्रस्ताव था। पीयूष, अनुपम, नमिता और कुणाल ने इस डील से बाहर होने का निर्णय लिया, लेकिन विनीता सिंह ने 4% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग देने का प्रस्ताव रखा। यह डील एक सफल अंत की ओर बढ़ी और ‘Ashva’ को एक मजबूत फंडिंग मिली, जिससे उनकी कंपनी को और तेजी से बढ़ने का अवसर मिला।

भविष्य की दिशा

‘Fitknees’ और ‘Fitmust’ जैसे उत्पादों के साथ Ashva अपने क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है। कंपनी ने अब तक अस्पतालों में अपने उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी है, और उनका उद्देश्य आने वाले समय में और ज्यादा अस्पतालों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है। इसके अलावा, वे अपने उत्पाद को और बेहतर बनाने के लिए लगातार रिसर्च और डिवेलपमेंट पर काम कर रहे हैं, ताकि घुटने की समस्याओं का इलाज अधिक प्रभावी और सुलभ हो सके।

अनमोल सक्सेना की इस यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करते हुए भी सही दिशा में कदम बढ़ाने से सफलता मिल सकती है। उनकी मेहनत और समर्पण ने ‘Ashva’ को एक ऐसे स्टार्टअप में बदल दिया है, जो न केवल घुटने की समस्याओं का समाधान दे रहा है, बल्कि भारतीय स्वास्थ्य उद्योग में भी एक नई दिशा का संकेत दे रहा है।

इसकी सफलता से प्रेरित होकर कई और युवा उद्यमी अपने स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

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