Shark Tank India-4 सीजन में कई अद्वितीय और साहसिक स्टार्टअप्स ने अपनी पहचान बनाई। इनमें से एक था ‘Havintha’, जो इंदौर के भरत खत्री द्वारा स्थापित किया गया। इस स्टार्टअप ने शो के दौरान अपनी अनोखी पिच के साथ जजों और दर्शकों का ध्यान खींचा।
‘Havintha’ की अनूठी शुरुआत
‘Havintha’ एक ऐसा स्टार्टअप है जो पूरी तरह से नेचुरल हेयर केयर प्रोडक्ट्स बनाता है। इसका नाम संस्कृत के शब्द ‘हविन्था’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘रिलेशन का पुल’। भरत खत्री ने अपनी पिच में कहा, “गंजी हो रही है दुनिया”, जो हेयर फॉल की समस्या को उजागर करने वाला एक आकर्षक वाक्य था। उन्होंने बताया कि हेयर फॉल के कारण लोगों का आत्मविश्वास टूट जाता है और उनके प्रोडक्ट्स इस समस्या का समाधान नेचुरल तरीके से करते हैं।
दादी-नानी के नुस्खों से बना बिजनेस
भरत का दावा है कि ‘Havintha’ के सभी प्रोडक्ट्स दादी-नानी के नुस्खों पर आधारित हैं और इनमें किसी भी तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता। उन्होंने 2016-17 में अपने हेयर फॉल की समस्या से परेशान होकर इस दिशा में रिसर्च करना शुरू किया और 2019 में बिजनेस की शुरुआत की। उनके प्रोडक्ट्स पाउडर फॉर्म में आते हैं, जिसे पानी में घोलकर बालों में लगाया जाता है।
क्रेडिट कार्ड से खड़ा किया बिजनेस
भरत ने अपने बिजनेस की शुरुआत सिर्फ 22,000 रुपये की क्रेडिट कार्ड लिमिट से की। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा यह रहा कि 2019-20 में उनकी कंपनी की सेल्स 50 लाख रुपये तक पहुंच गई। अगले कुछ वर्षों में, उनकी कंपनी की सेल्स क्रमशः 77 लाख, 3.1 करोड़, और 4.1 करोड़ रुपये तक पहुंची। पिछले साल उनकी कंपनी ने 5 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया और इस साल उन्हें 7 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। कंपनी को अपने बिजनेस से 20% से ज्यादा का मुनाफा हो रहा है और उनके सभी प्रोडक्ट्स ऑनलाइन बिकते हैं।
जजों को हुआ शक
जब भरत ने अपने प्रोडक्ट्स के बारे में विस्तार से बताया, तो जजों को कुछ संदेह हुआ। उनसे पूछा गया कि उनके प्रोडक्ट्स बालों का झड़ना कैसे रोकते हैं, लेकिन वह इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि उनके पास आयुष लाइसेंस और लैब टेस्टिंग रिपोर्ट है, लेकिन उन्हें आयुर्वेद की गहराई से जानकारी नहीं थी और न ही उनकी टीम में कोई आयुर्वेदिक डॉक्टर था। विनीता सिंह ने उनके प्रोडक्ट के लेबल पर इनग्रेडिएंट्स की लिस्टिंग में भी खामियां पाईं, जिससे जजों को शक हुआ।
सिर्फ पीयूष बंसल ने दिया ऑफर
भरत ने 2% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की मांग की थी। अनुपम मित्तल, अमन गुप्ता और विनीता सिंह इस डील से बाहर हो गए। कुणाल शाह ने कहा कि बिजनेस का स्ट्रक्चर सही नहीं है, इसलिए फिलहाल निवेश संभव नहीं है। हालांकि, पीयूष बंसल ने 10% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये की रॉयल्टी के साथ एक ऑफर दिया। भरत ने यह ऑफर स्वीकार नहीं किया और बिना किसी फंडिंग के वापस लौट गए। अनुपम मित्तल ने अंत में यह कहा कि इस बिजनेस में कुछ गड़बड़ जरूर है।
भविष्य की योजनाएं और चुनौतियां
‘Havintha’ के फाउंडर भरत खत्री का विजन है कि अगले 5 वर्षों में उनकी कंपनी 500 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करेगी। हालांकि, शार्क टैंक पर उन्हें निवेश नहीं मिल पाया, लेकिन उनकी कहानी संघर्ष और आत्मनिर्भरता की मिसाल है। उनकी यात्रा यह दिखाती है कि कैसे सीमित संसाधनों से भी एक सफल बिजनेस खड़ा किया जा सकता है।
निष्कर्ष
भरत खत्री की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों और बड़े सपनों के साथ अपने उद्यम की शुरुआत करना चाहते हैं। ‘Havintha’ की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर आप अपने लक्ष्य को लेकर समर्पित हैं, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। हालांकि, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जिसे भरत को भविष्य में संबोधित करना होगा।