House of Chikankari, जो दिल्ली का एक एथनिक वियर D2C ब्रांड है, ने हाल ही में अपने सीड फंडिंग राउंड में महत्वपूर्ण निवेश जुटाया है। इस राउंड का नेतृत्व कुछ प्रमुख एंजल निवेशकों और माइक्रो-VC फंड्स ने किया। इन निवेशकों में Tudip Ventures, Peyush Bansal (Lenskart), Manoj Meena (Atomberg), Ankit Nagori (Curefoods), Hitesh Dhingra (The Man Company), Alluvium Capital, और Aurinko Partners शामिल हैं। इस फंडिंग प्रक्रिया में Daylight Capital के फाउंडर केशव अग्रवाल ने सलाहकार की भूमिका निभाई थी। उल्लेखनीय है कि यह स्टार्टअप Shark Tank India के दूसरे सीजन में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है।
शुरुआत और उद्देश्य
House of Chikankari की स्थापना 2020 में आकृति रावल और उनकी मां पूनम रावल ने की थी। यह ब्रांड पारंपरिक भारतीय हस्तशिल्प, विशेष रूप से लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी कढ़ाई को आधुनिक डिजाइन के साथ प्रस्तुत करता है। इस ब्रांड का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक भारतीय शिल्पकला को समकालीन डिजाइन के साथ जोड़कर युवा और वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाना है।
आकृति रावल, जो कंपनी की सीईओ हैं, कहती हैं, “भारतीय शिल्प बाजार अत्यधिक असंगठित है। अधिकांश खिलाड़ी छोटे स्थानीय स्टोर्स या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स तक सीमित रहते हैं, जहां गुणवत्ता और प्रामाणिकता की कमी होती है। हमारा प्रयास है कि हम सीधे कारीगरों के साथ काम करें और इन चुनौतियों को दूर करें।”
फंडिंग का उद्देश्य
इस फंडिंग के साथ, House of Chikankari अपने मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ाने, टीम का विस्तार करने और अपने राजस्व को 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना बना रहा है। पूनम रावल के अनुसार, “हमने चिकनकारी से शुरुआत की थी, लेकिन अब हमने अपने सफर में अन्य शिल्पकलाओं को भी शामिल कर लिया है।” उन्होंने यह भी बताया कि ब्रांड अब कश्मीरी कढ़ाई, इकत, और हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग जैसे शिल्पों के साथ काम कर रहा है।
विस्तार और उत्पादों की विविधता
House of Chikankari की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि वह हर महीने 15,000 से अधिक उत्पाद बेचता है, जिसमें से 85% राजस्व उनकी D2C वेबसाइट से आता है। इसके अलावा, यह Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे प्रमुख मार्केटप्लेस पर भी उपलब्ध है। कंपनी का लक्ष्य अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने उत्पादों की उपस्थिति को मजबूत करना है।
इस साल, कंपनी की योजना है कि चिकनकारी के अलावा अन्य शिल्पों से 30% राजस्व प्राप्त किया जाए। यह कदम न केवल पारंपरिक शिल्पों को संरक्षित करेगा बल्कि कारीगरों के लिए स्थायी रोजगार उत्पन्न करने में भी मदद करेगा।
Shark Tank India में यात्रा
Shark Tank India के सीजन 2 में House of Chikankari ने अपनी प्रस्तुति दी थी, जहां अमन गुप्ता (boAt) और पीयूष बंसल (Lenskart) ने इस स्टार्टअप में निवेश किया था। शो में अपनी उपस्थिति के बाद, ब्रांड ने न केवल अपने व्यवसाय का विस्तार किया बल्कि पारंपरिक शिल्पकलाओं को नए आयाम भी दिए।
सामाजिक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं
पिछले चार सालों में, House of Chikankari ने 10,000 से अधिक कारीगरों के साथ काम किया है। यह प्रयास न केवल पारंपरिक शिल्पों को संरक्षित कर रहा है, बल्कि कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है।
कंपनी का लक्ष्य अब पारंपरिक शिल्प को वैश्विक स्तर पर ले जाना है। आकृति रावल का कहना है, “हम चाहते हैं कि भारतीय हस्तशिल्प की विरासत न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में पहचानी जाए। हमारी योजना है कि हम अपनी उपस्थिति को और भी अधिक देशों में बढ़ाएं और अपने प्रोडक्ट्स की विविधता को और भी अधिक समृद्ध करें।”
निष्कर्ष
House of Chikankari की कहानी भारतीय हस्तशिल्प को नए आयाम देने की है। यह ब्रांड पारंपरिक शिल्प को आधुनिक डिजाइनों के साथ प्रस्तुत करके न केवल एक सफल व्यवसाय बना रहा है बल्कि कारीगरों के जीवन को भी बेहतर बना रहा है। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो पारंपरिक शिल्पकलाओं को न केवल संरक्षित किया जा सकता है बल्कि वैश्विक बाजार में एक मजबूत पहचान भी दिलाई जा सकती है।
आने वाले समय में, House of Chikankari न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बनाएगा और भारतीय शिल्पकलाओं की धरोहर को विश्व स्तर पर पहुंचाएगा।