Shark Tank India-4 सीजन में कई अनोखे और दिलचस्प स्टार्टअप्स देखने को मिले, जिनमें से एक था कीवी (KIWI), जिसे देहरादून के अभिनव अहलुवालिया और नुपुर अग्रवाल ने शुरू किया है। यह स्टार्टअप “किसान विंडो” के नाम से भी जाना जाता है और इसका उद्देश्य देशभर के किसानों के उत्पादों को ग्लोबल ब्रांड में तब्दील करना है।
कीवी (KIWI) की शुरुआत और उद्देश्य
कीवी (KIWI) एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन है, जहां विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादों को एक मंच पर लाया जाता है। इसके जरिए लोग देश के किसी भी कोने में बैठकर अन्य क्षेत्रों के खास उत्पाद खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में बैठे हुए आप उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में उगने वाले राजमा या लेह की बेरी से बनी चीजों का आनंद ले सकते हैं।
नुपुर अग्रवाल और अभिनव अहलुवालिया ने इस स्टार्टअप की नींव रखी है। नुपुर ने लंदन में स्कॉलरशिप लेकर पढ़ाई की और फिर भारत लौटकर आईएएस की तैयारी की। इस दौरान उन्हें किसानों की समस्याओं का गहराई से ज्ञान हुआ। उन्होंने देहरादून ड्रम सर्कल मूवमेंट भी शुरू किया, जिससे करीब 20,000 लोग जुड़े हैं। वहीं, अभिनव ने बीबीए करने के बाद रूरल मैनेजमेंट में एमबीए किया और फार्मर्स मार्केट बनाने का अनुभव हासिल किया।
8 रिटेल स्टोर्स और 3 लाख ऑर्डर्स
इस स्टार्टअप के पास वर्तमान में 8 रिटेल स्टोर्स हैं, जिनमें से 4 कंपनी के खुद के हैं और 4 फ्रेंचाइजी के तहत चल रहे हैं। इसके अलावा, इनकी खुद की वेबसाइट भी है, जिसके जरिए सेल्स होती हैं। अब तक कंपनी 3 लाख ऑर्डर प्रोसेस कर चुकी है। फाउंडर्स का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में 300 स्टोर्स खोलने का है।
लेह की बेरी से खास उत्पाद
2017 में इस कंपनी को रजिस्टर किया गया। उन्हें भारत सरकार की ओर से लेह भेजा गया, जहां एक खास प्रकार की बेरी भारी मात्रा में बर्बाद हो जाती थी। कीवी ने इस बेरी का उपयोग करके कई उत्पाद बनाए, जिससे बर्बादी रुकी और लेह की इस बेरी का स्वाद देशभर में पहुंच सका।
250 एसकेयू और ऑफलाइन बिजनेस
इस कंपनी के पास कुल 250 एसकेयू (स्टॉक कीपिंग यूनिट्स) हैं। इसका 97% बिजनेस ऑफलाइन है, लेकिन अब कंपनी ने ऑनलाइन बिजनेस भी शुरू किया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कंपनी ने 3.4 करोड़ रुपये की सेल की, अगले साल यह बढ़कर 4.3 करोड़ रुपये हुई, और 2024 में यह 5.06 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। कंपनी का लक्ष्य है कि 2024-25 में 10 करोड़ रुपये की सेल की जाए।
शार्क टैंक में डील
फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप के लिए 1% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग मांगी थी। पहले से ही कंपनी एंजेल निवेशकों से 80 लाख रुपये की फंडिंग ले चुकी थी। इस डील के दौरान रितेश और विनीता ने बाहर रहने का निर्णय लिया। अजहर इकबाल और अमन गुप्ता ने एक साथ 50 लाख रुपये 2% इक्विटी के लिए और 2% रॉयल्टी 1 करोड़ रुपये वापस मिलने तक की डील रखी।
हालांकि, कुणाल बहल ने सबसे आकर्षक प्रस्ताव दिया। उन्होंने 10% इक्विटी के बदले 2.5 करोड़ रुपये का ऑफर दिया, जिसे फाउंडर्स ने स्वीकार कर लिया।
निवेशकों की रुचि और भविष्य की योजनाएं
कुणाल बहल का निवेश इस स्टार्टअप के लिए एक बड़ा मोमेंटम साबित हो सकता है। कीवी का लक्ष्य देशभर के किसानों के उत्पादों को न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पहुंचाना है। आने वाले समय में कंपनी अपने उत्पादों को और अधिक ब्रांडेड बनाने के साथ-साथ विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी विस्तार करने की योजना बना रही है।
कीवी (KIWI) की अनोखी पहल
इस स्टार्टअप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह किसानों के उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम हो जाती है और किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलता है। इसके अलावा, यह उपभोक्ताओं को देश के विभिन्न क्षेत्रों के अनोखे उत्पादों का स्वाद लेने का मौका देता है, जो सामान्यतः स्थानीय बाजारों में उपलब्ध नहीं होते।
निष्कर्ष
शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में कीवी (KIWI) जैसे स्टार्टअप ने यह साबित कर दिया कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। अभिनव अहलुवालिया और नुपुर अग्रवाल ने किसानों की समस्याओं को समझकर और उनके उत्पादों को बाजार में लाकर एक अनोखा उद्यम खड़ा किया है। कुणाल बहल जैसे निवेशकों के सहयोग से, कीवी (KIWI) निश्चित रूप से एक सफल और प्रभावशाली ब्रांड बन सकता है।