Shark Tank India-4 में एक दिलचस्प स्टार्टअप OneDios ने हिस्सा लिया। यह स्टार्टअप दावा करता है कि वह सिर्फ 6 क्लिक और 60 सेकेंड में किसी भी वारंटी से जुड़ी शिकायत को रजिस्टर करने में मदद करता है। इस स्टार्टअप की शुरुआत गाजियाबाद के नितिन चावला ने की है। OneDios एक ऐसा ऐप प्लेटफॉर्म ऑफर करता है, जिससे लोग अपनी रिक्वेस्ट बुक कर सकते हैं और उन्हें कस्टमर केयर पर समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं होती।
स्टार्टअप की यात्रा और नितिन चावला की पृष्ठभूमि
नितिन चावला ने बीकॉम और एमएससी की पढ़ाई की है। अपनी पहली नौकरी में, उन्हें 15 लाख रुपये की सेल का टारगेट दिया गया था, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक हासिल किया। इसके बाद उन्होंने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में कदम रखा और एक अन्य कंपनी में मोबाइल ऐप बनाने का अनुभव प्राप्त किया। करीब 12 वर्षों तक नितिन ने आईबीएम में प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम किया, जहां वह इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को हेड कर रहे थे। 2019 में उन्होंने OneDios की शुरुआत की और 2020 में आईबीएम से इस्तीफा दे दिया।
स्टार्टअप का प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति
OneDios ने 2023-24 में 3.7 करोड़ रुपये की सेल की, लेकिन 5.5 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इस वर्ष अक्टूबर तक कंपनी की सेल 3.25 करोड़ रुपये रही। कंपनी की कुल 85 फीसदी सेल रिटेलर से आती है, जबकि 15 फीसदी ऐप से आती है।
शार्क टैंक पर फंडिंग का अनुरोध
OneDios के फाउंडर नितिन चावला ने शार्क टैंक इंडिया में 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 75 लाख रुपये की फंडिंग मांगी। हालांकि, किसी भी शार्क ने इस स्टार्टअप में निवेश नहीं किया। अभी तक OneDios ने कुल 16.5 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है।
शार्क की प्रतिक्रिया
शार्क टैंक इंडिया के जजों की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही। अनुपम मित्तल ने कहा, “आपका ये बिजनेस तो खत्म ही हो गया, जो पट्टी पढ़ानी है पढ़ाओ।” अन्य शार्क्स ने भी नितिन के बताए गए नंबरों पर विश्वास नहीं किया। वरुण दुआ ने कहा कि उन्हें “कनफ्यूजन” है। अमन गुप्ता ने भी फाउंडर की बातों पर भरोसा नहीं किया। विनीता ने यहां तक कहा कि फाउंडर झूठ बोल रहा था। किसी भी शार्क को इस स्टार्टअप का बिजनेस मॉडल समझ नहीं आया और सभी कनफ्यूज हो गए।
निष्कर्ष
OneDios का दावा है कि यह यूजर्स के लिए वारंटी से जुड़ी शिकायतों को रजिस्टर करना आसान बनाता है। हालांकि, शार्क टैंक इंडिया के जज इस बिजनेस मॉडल से प्रभावित नहीं हुए। शार्क्स ने फाउंडर के दावों पर सवाल उठाए और उनके नंबरों पर विश्वास नहीं किया। इस एपिसोड से यह स्पष्ट होता है कि किसी भी स्टार्टअप के लिए केवल तकनीकी समाधान पर्याप्त नहीं है; बिजनेस मॉडल और फाइनेंशियल वायबिलिटी को भी साबित करना आवश्यक है।