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Shark Tank India-4 Shyle: Husband and wife built a silver jewellery business with a profit of ₹1 crore from ₹7 lakh

Shark Tank India-4 Shyle: पति-पत्नी ने ₹7 लाख से बनाया ₹1 करो़ड मुनाफे वाला चांदी ज्वैलरी बिजनेस

ऑनलाइन चांदी की ज्वैलरी बेचने वाले स्टार्टअप ‘Shyle’ ने शार्क टैंक इंडिया-4 में धमाल मचाया। जयपुर के आस्था और राधेश ने इसे मात्र 7 लाख रुपये से शुरू किया और अब 1 करोड़ रुपये मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने 1.5% इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये की फंडिंग हासिल की।

चांदी की ज्वैलरी में नई संभावनाएं

ऑनलाइन सोने की ज्वैलरी तो बहुत बिकती है, लेकिन चांदी की ज्वैलरी की बिक्री में अभी भी कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक ऐसा स्टार्टअप आया, जो चांदी की ज्वैलरी ऑनलाइन बेच रहा है। इस स्टार्टअप का नाम है “Shyle” और इसकी शुरुआत जयपुर की आस्था कट्टा सिरोहीया ने अपने पति राधेश सिरोहीया के साथ मिलकर की है।

Shyle शुरुआत और सफलता की कहानी

“Shyle” की शुरुआत दिसंबर 2017 में हुई थी। आस्था और राधेश ने इस बिजनेस को मात्र ₹7 लाख रुपये से शुरू किया था। आज यह स्टार्टअप 1.5 लाख ऑर्डर प्रोसेस कर चुका है और इनके इंस्टाग्राम पर लगभग 3.90 लाख फॉलोअर्स हैं।

आस्था और राधेश का कहना है कि उनकी ज्वैलरी 92.5 फीसदी शुद्धता वाली है और उनके पास हर जनरेशन के लिए डिज़ाइन हैं। यह स्टार्टअप चांदी की राखी, नटरबट्टू, महामृत्युंजय जाप का लॉकेट जैसी कई प्रकार की ज्वैलरी बनाता है।

2 साल में 100 करो़ड की कंपनी बनाने का लक्ष्य

कंपनी का विजन अगले दो सालों में 100 करो़ड रुपये के रेवेन्यू तक पहुंचना है और इंडिकॉन बनना है। इंडिकॉन वे स्टार्टअप होते हैं, जो 100 करो़ड के रेवेन्यू पर पहुंच जाते हैं और मुनाफा कमाते हैं। फिलहाल, कंपनी 30 कारीगरों के साथ काम कर रही है और अगले दो सालों में 100 कारीगरों के परिवारों को प्रभावित करने का लक्ष्य रखती है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और प्रेरणा

आस्था और राधेश दोनों ही जयपुर के व्यापारिक परिवारों से आते हैं। राधेश ने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की और कुछ समय नौकरी करने के बाद बिजनेस की दुनिया में लौट आए। आस्था का भी परिवार हमेशा से बिजनेस में ही रहा है।

शुरुआती चुनौतियां और सफलता

शुरुआत में आस्था ने अपने पर्सनल इंटरेस्ट के कारण ज्वैलरी का बिजनेस शुरू किया। इस बिजनेस को सफल बनाने के लिए आस्था ने अपनी पढ़ाई के बाद जयपुर लौटकर कड़ी मेहनत की।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं

2023-24 के वित्तीय वर्ष में कंपनी ने नवंबर तक लगभग 11 करो़ड रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया है और साल के अंत तक 18 करो़ड रुपये का टारगेट है। पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू 15 करो़ड रुपये था। अभी तक यह कंपनी बूटस्ट्रैप्ड है और बैंक में लगभग 50 लाख रुपये है।

कंपनी की 82 फीसदी सेल अपनी वेबसाइट से आती है, 8 फीसदी एक्सपोर्ट से, 7 फीसदी अमेजन से और बाकी की सेल्स अन्य मार्केटप्लेस से आती हैं। कंपनी का रिपीट रेट लगभग 15 फीसदी है।

शार्क टैंक में फंडिंग की पिच

फाउंडर्स ने शार्क टैंक इंडिया में 1 फीसदी इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये की फंडिंग मांगी। नमिता और रितेश ने मिलकर 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये और 70 लाख रुपये वापस मिलने तक 1 फीसदी रॉयल्टी की डील दी। अनुपम ने 5 फीसदी इक्विटी के बदले 1.4 करो़ड रुपये का ऑफर दिया।

अंतिम डील और विवाद

नमिता और रितेश ने अपना ऑफर रिवाइज करके रॉयल्टी 0.5 फीसदी कर दी। अनुपम ने जब फाउंडर्स की बातचीत सुनी, तो उन्हें लगा कि वे अपनी बात से मुकर सकते हैं, जिसके कारण उन्होंने डील से बाहर होने का फैसला किया। अंत में, “Shyle” ने 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये और 70 लाख रुपये वापस मिलने तक 0.5 फीसदी रॉयल्टी की डील की।

शार्क टैंक में भविष्य की संभावनाएं

“Shyle” की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा और मेहनत से किसी भी बिजनेस को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। आस्था और राधेश की यह यात्रा उन सभी नव उद्यमियों के लिए प्रेरणादायक है, जो सीमित संसाधनों के साथ बड़े सपने देख रहे हैं।

निष्कर्ष

“Shyle” का सफर दिखाता है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से कोई भी स्टार्टअप बड़े पैमाने पर सफलता हासिल कर सकता है। आस्था और राधेश ने अपनी ज्वैलरी की गुणवत्ता और डिज़ाइन के जरिए न सिर्फ भारतीय बाजार में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि वे इसे वैश्विक स्तर पर भी ले जाने की योजना बना रहे हैं। यह स्टार्टअप आने वाले वर्षों में और भी बड़ी सफलता की ओर अग्रसर होगा।

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