Shark Tank India-4 के एक एपिसोड में एक अनोखा स्टार्टअप पेश किया गया, जो ट्रेकिंग के शौकीनों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रोडक्ट्स डिज़ाइन करता है। TRIPOLE GEARS नामक इस स्टार्टअप ने शार्क टैंक में फंडिंग प्राप्त की और निवेशकों का ध्यान खींचा। इस स्टार्टअप की कहानी और सफलता बेहद प्रेरणादायक है।
TRIPOLE GEARS: ट्रेकिंग गियर्स में नवाचार
2017 में रोहन खंडूजा ने TRIPOLE GEARS की शुरुआत की। यह कंपनी विशेष रूप से ट्रेकिंग और एडवेंचर प्रेमियों के लिए रकसैक, बैकपैक, और जैकेट्स जैसे गियर्स बनाती है। इन गियर्स की विशेषता यह है कि ये न केवल टिकाऊ हैं, बल्कि इन्हें विशेष रूप से ट्रेकिंग की कठिन परिस्थितियों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
उत्पादों की विशेषताएं
TRIPOLE GEARS के रकसैक और बैकपैक में स्पेशल अटैचमेंट्स के लिए जगह होती है, बैक सपोर्ट के लिए विशेष पैडिंग होती है, और ये हल्के लेकिन मजबूत मटीरियल से बने होते हैं। इनके रकसैक की कीमत ₹3100 से ₹3300 के बीच है और इन पर 5 साल की गारंटी दी जाती है।
यात्रा से मिली प्रेरणा
रोहन को ट्रेकिंग से प्यार 2016 में हुआ जब वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में गए थे। वहां की यात्रा ने उन्हें ट्रेकिंग के लिए आवश्यक गियर्स के व्यवसाय की ओर आकर्षित किया। उन्हें महसूस हुआ कि इस क्षेत्र में कई गैप्स हैं, जिन्हें भरने के लिए वे काम कर सकते हैं। इस प्रेरणा के साथ उन्होंने TRIPOLE GEARS की शुरुआत की।
बूटस्ट्रैप्ड से लेकर फंडिंग तक की यात्रा
TRIPOLE GEARS एक बूटस्ट्रैप्ड कंपनी है। रोहन ने शुरुआत में अपनी सेविंग्स से ₹15 लाख का निवेश किया था। उन्होंने शार्क टैंक इंडिया में ₹1 करोड़ के बदले 1% इक्विटी की मांग की। इस डील में कई शार्क्स ने रुचि दिखाई, लेकिन अंत में रितेश अग्रवाल ने 1.15% इक्विटी के बदले ₹75 लाख और 5 साल के लिए 9% ब्याज दर पर ₹25 लाख का लोन देने का ऑफर किया, जिसे रोहन ने स्वीकार कर लिया।
कंपनी की ग्रोथ और मार्केटिंग
TRIPOLE GEARS ने अपने शुरुआती दिनों में छोटे स्तर पर काम शुरू किया। आज उनकी दो फैक्ट्रियां हैं, जहां सभी प्रोडक्ट्स इनहाउस मैन्युफैक्चर होते हैं। कंपनी का व्यवसाय ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफार्म्स पर है। TRIPOLE GEARS के 80% ग्राहक घरेलू बाजार से आते हैं, जबकि 20% अंतरराष्ट्रीय बाजार से हैं।
बिक्री और राजस्व
TRIPOLE GEARS ने 2022-23 में ₹11 करोड़ की सेल की और 2023-24 में यह बढ़कर ₹14.2 करोड़ हो गई। कंपनी का लक्ष्य 2024-25 में ₹20 करोड़ की सेल का है। कंपनी की बिक्री का 70% रकसैक से आता है, 10% बैकपैक से और शेष अन्य उत्पादों से।
सामाजिक प्रभाव
TRIPOLE GEARS न केवल ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए बेहतरीन प्रोडक्ट्स प्रदान करता है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी समर्थन देता है। कंपनी के उत्पादों को भारतीय सेना भी खरीदती है, जो इसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रमाण है।
भविष्य की योजनाएं
TRIPOLE GEARS भविष्य में अपनी प्रोडक्ट रेंज को और विस्तारित करने की योजना बना रही है। कंपनी का फोकस नए बाजारों में प्रवेश करने और अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर है। रोहन का कहना है कि वे ट्रेकिंग और आउटडोर एक्टिविटीज के लिए एक वन-स्टॉप शॉप बनाना चाहते हैं।
निष्कर्ष
TRIPOLE GEARS की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने जुनून को व्यवसाय में बदलना चाहते हैं। रोहन खंडूजा ने एक साधारण यात्रा को एक बड़े व्यवसायिक अवसर में बदल दिया। शार्क टैंक इंडिया में मिली फंडिंग के बाद, कंपनी अब नए स्तरों को छूने के लिए तैयार है। TRIPOLE GEARS न केवल एडवेंचर प्रेमियों के लिए एक ब्रांड बन गया है, बल्कि यह गुणवत्ता और नवाचार का प्रतीक भी है।